
Dr. Ajay
प्राचार्य द्वारा
माता-पिता और शिक्षक के अतिरिक्त कोई अन्य व्यक्ति ऐसा नहीं मिलता है जो बालक का हित चाहता हो। माता-पिता और शिक्षक को विश्व के भगवान के बाद क्रमशः उक्त दर्जा दिया गया है।
प्राचीन भारतीय परंपराओं के अनुसार भी यह कहा गया है कि बालक को जन्म तो माता-पिता देते हैं परंतु उसके व्यक्तित्व को आकार शिक्षक ही देता है, साथ ही यह सार्वभौम सत्य है कि शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षकों पर आधारित है।
गुणवत्ता युक्त शिक्षकों को तैयार करने के लिए ही शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालयों की संकल्पना की गई है। हमारा सदैव प्रयास रहा है कि हम भावी शिक्षकों को ऐसी गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करें जिससे छात्राध्यापक अपने जीवन में ईमानदारी और निष्ठापूर्वक अपने व्यावसायिक मूल्यों का पालन कर सकें।