सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चों का सर्वांगीण विकास हो। उसे अपनी अकादमिक शिक्षा के उपरांत विद्यार्थी, अपने जीवन के नये दौर में पहुंचता है, जहाँ वह अपने रोजगार की संभावनाएँ तलाशता है। विद्यार्थी अपनी पसन्द एवं योग्यता के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में से किसी एक को चुनता है।
शिक्षण का क्षेत्र उन विविध क्षेत्रों में से एक है, जो विद्यार्थी को असीमित संभावनाएं प्रदान करता है। इस क्षेत्र का चयन करके विद्यार्थी एक ओर आजीविका प्राप्त करता है तो दूसरी ओर भावी पीढ़ी को जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार कर राष्ट्र और मानव धर्म को पोषित करता है।
इस सेवार्थ प्रस्तुत विद्यार्थियों का हम स्वागत करते हैं, और उन्हें आवश्यक तकनीक और ज्ञान से सुसज्जित पूर्ण समर्पण भाव से प्रयास करते हैं। और अच्छे संस्कार मिले वह जीवन में तरक्की करे। ऐसी ही बहुत सी आशाओं के साथ माता पिता बच्चों को पढ़ने भेजते हैं और यह महान दायित्व वे अध्यापकों को देते हैं।
अध्यापक यदि अपने पेशे के प्रति निष्ठावान नहीं हुए तो उन अभिभावकों की आशाओं पर कुठाराघात तो होगा ही, साथ ही एक पीढ़ी पथभ्रष्ट हो जाएगी। इसीलिए कहा गया है कि अध्यापक की गलती का खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भोगना पड़ता है।
हमारी कोशिश है कि ऐसे शिक्षकों को तैयार करें जो अपने भविष्य के साथ-साथ देश निर्माण में अपना योगदान दें। हमारी सदैव यही कोशिश रहती है कि एक अच्छे शिक्षक के निर्माण के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध हों एवं ऐसे योग्य संकाय सदस्यों का आपको मार्गदर्शन मिले, जिससे आप एक भावी सुखद भविष्य की ओर जा सकें एवं देश को उन्नति के शिखर की ओर ले जा सकें।
शुभकामनाएँ कि आपने एक Noble Profession (भद्रव्यवसाय) चुना है।